खयाल

कुछ खयाल ऐसे भी जो होठों पर आए नहीं,
कुछ बातें ऐसी भी जो दिल बतलाया नहीं,
कुछ यादें ऐसी भी जो याद करने से घबराते हैं,
कुछ वादे ऐसे भी जो याद रहकर भी भूल जाते हैं,
नई सी जगह ,
नई सी मैं हो गई,
जाने खुद को कहां खो गई,
यह कैसे बदलाव मे खो गई,
नई सी जगह है,
या नई मै हो गई ।

Comments

Popular posts from this blog

From one metro station to another

7 years of YJHD

MAHABHARAT - a result of impulsive actions of the female characters